Wednesday, February 6, 2013

Angioplasty


एंजियोप्लास्टी क्‍या है?

एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) आमतौर पर संकुचित या बाधित हुई रक्त वाहिका को यांत्रिक रूप से चौड़ा करने की एक शल्य-तकनीक है।
एंजियोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें दिल को खून की आपूर्ति करने वाली धमनी(ऑर्टरी) में एक सूक्ष्म उपकरण डाला जाता है। यह उपकरण धमनी को फैलाकर रक्त प्रवाह बढ़ाता है।
इसके बाद मरीज का र्क्त प्रवाह ठीक हो जाता है और वह सामान्‍य आदमी की तरह रह सकता है।
एंजियोप्‍लास्‍टी के प्रकार:
बैलून एंजियोप्लास्टी- इसे परक्यूटेनियस ट्रांसल्यूमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (पीटीसीए) भी कहा जाता है। इसमें एक पतली नली (कैथेटर) के सिरे पर एक छोटा सा बैलून लगा होता है। नली को बांह या पैर की बड़ी रक्त नलिका द्वारा रक्तप्रवाह में बाधा वाले स्थान तक भेजा जाता है। एक्स-रे पर नली की प्रगति देखकर कार्डियोल्जिस्ट नली को हृदय की दिशा में भेजते हैं। जहां यह एक कोरोनरी धमनी में जाता है, जो संकुचित रहता है। फिर बैलून को फुलाया जाता है जिससे कि धमनी का संकुचित क्षेत्र फूल सके।
ऐसी अधिकांश प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर धमनी में धातु की एक तार का एक फ्रेम भी डालते हैं। जो उसे खुला रखने में सहायता करता है। यह उपकरण स्टेंट कहलाता है। स्टेंट लगे होने पर ब्लॉक धमनी के बंद होने की संभावना कम रहती है। अगर स्टेंट नहीं भी लगा रहे तो भी लगभग 30 प्रतिशत रोगियों को ही 6 महीने के भीतर दुबारा धमनी ब्लॉक होने की शिकायत होती है।
एथेरेक्टोमी- एथेरेक्टोमी में एक उपकरण की मदद से प्लाक (प्रभावित धमनी के अंदरूनी वाल्‍स की हानिकारक परत) को काटकर हटाया जाता है। यह प्राय़ः बैलून एंजियोप्लास्टी या स्टेंटिंग के साथ प्रयोग किया जाता है।
अधिकतर रोगियों में एंजियोप्लास्टी से कोरोनरी धमनी के संकीर्ण होने के कारण होने वाला सीने का दर्द ठीक हो जाता है। हांलाकि लगभग 40 प्रतिशत रोगियों को एक साल के भीतर दूसरी कोरोनरी प्रक्रिया (प्रायः दूसरा एंजियोप्लास्टी) की जरूरत होती है।
एंजियोप्लास्टी का उपयोग हाथ या पैरों की संकीर्ण धमनी (खासकर पैरों की फिमोरल या इलियक धमनी) को फैलाने में भी किया जा सकता है।

                                                 

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