प्रतिश्याय (Allergic Rhinitis)
☘️ यह एक ऐसी स्थिति है जिसमे एलर्जी के कारण नाक की अंदरूनी परत उतेजित होती है और उसमे सूजन हो जाती है।
☘️ बाहरी संक्रमण - धुंध, धूल, प्रदूषण, पुष्प पराग, धुआं आदि। आंतरिक संक्रमण - धूल, जानवरों की त्वचा, फर या लार आदि।
☘️ आयुर्वेद में इसे स्थिती को प्रतिश्याय (Allergic Rhinitis) कहा जाता है।
☘️ इसके लक्षण -
✅ लगातार छींक आना।
✅ नाक बहना, नाक में खुजली।
✅ नाक बंद/जाम रहना।
✅ आंखो में पानी आना और आँखें लाल रहना।
✅ सिर में दर्द और भारीपन रहना।
✅ उच्च तालु (Upper Palate) पर खुजली।
✅ सांस लेने में तकलीफ या सांस फूलना।
☘️ उपरोक्त लक्षण ज्यादातर ऋतु परिवर्तन के दौरान या स्थान परिवर्तन होने पर प्रकट होते हैं।
☘️ अगर आप इस स्थिति को नजरअंदाज करते है तो यह यह दमा और अंततः COPD जैसी बीमारियों में परिवर्तित हो सकती है।
☘️ इसके कारण -
👉 कमजोर पाचन अग्नि।
👉गलत भोजन के संयोजनों/मिश्रणो का उपयोग करना।
👉उचित आहार और जीवन शैली का पालन नहीं करना।
👉अत्यधिक पानी का सेवन।
👉 देर रात तक जागना और दिन में सोना।
👉नम, अंधेरे और ठंडी जगह में रहना।
👉कुछ एलोपैथिक दवाओं का लंबे समय तक उपयोग करने से।
👉 कमजोर प्रतिरक्षा (Immunity) शक्ति।
👉 प्राकृतिक आग्रहों/वैंगो को रोकना।
☘️ इसका उपचार -
👉 उपचार की अन्य पद्धतियों में इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं है।
👉 आयुर्वेद इस रोग का प्रभावी और स्थायी समाधान प्रदान करता है।
👉 इसके पुराने मामलों में पंचकर्म (शरीर से विषाक्तपदार्थों को निकालने की प्रक्रिया) किया जाता है।
👉 पाचन में सुधार और विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं दी जाती हैं।
👉 शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने विशेषतः श्वसन प्रणाली की प्रतिरक्षा में सुधार करने वाली दवाएं और चिकित्सा दी जाती है।
👉 दैनिक आयुर्वेदिक दिनचर्या, मौसमी दिनचर्या और सद्वृत्ता का पालन करना चाहिए।
👉 तिल के तेल से शरीर की मालिश करने के बाद गर्म पानी से स्नान करे।
👉 मुंह मै तिल तेल को १०-१५ मिनट घुमाएं फिर धुक दे ।
☘️ पालन करने योग्य चीजे -
✅ पचाने में हल्का, गर्म और ताजा भोजन करें।
✅ मसालेदार, ठंडा और मांसाहार का सेवन करने से बचे।
✅ अधिक मात्रा में खट्टा, नमकीन और मीठा भोजन करने से बचे।
✅ केला, आलू, टमाटर, दही, आइसक्रीम, केक, मदिरा, कोल्ड ड्रिंक से बचे।
✅अपने भोजन में मूंग दाल, जौ, कुल्थी, मूली, खट्टे फलों को शामिल करें।
✅ इसके कारणों में उल्लिखित बिंदुओं से बचें।
✅ नियमित योग करे।
✅ क्रोध, तनाव, ज्यादा बात करने और ज्यादा सोचने से बचें।
☘️ घरेलू उपचार -
👉 सुबह काली मिर्च पाउडर, अदरक, हल्दी पाउडर और शहद का मिश्रण लेवे।
👉 हल्दी के धुएं को सुंघे/लेवे। (कढ़ाई/बर्तन/तवा (Pan) में हल्दी पाउडर को जलाएं और उसके धुएं को सुंघे/लेवे)।
👉 लौंग या काली मिर्च चबाए।
👉 दूध + हल्दी + सूखे अदरक का पाउडर + पिप्पली का सेवन करे।
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