Friday, January 12, 2024

प्रतिश्याय (Allergic Rhinitis)


प्रतिश्याय (Allergic Rhinitis)

☘️ यह एक ऐसी स्थिति है जिसमे एलर्जी के कारण  नाक की अंदरूनी परत उतेजित होती है और  उसमे सूजन हो जाती  है।

☘️ बाहरी संक्रमण - धुंध, धूल, प्रदूषण, पुष्प पराग, धुआं आदि। आंतरिक संक्रमण - धूल, जानवरों की त्वचा, फर या लार आदि।

☘️ आयुर्वेद में इसे  स्थिती को प्रतिश्याय (Allergic Rhinitis) कहा  जाता है।


☘️ इसके लक्षण -

✅ लगातार छींक आना।

✅ नाक बहना, नाक में खुजली।

✅  नाक बंद/जाम रहना।

✅ आंखो में पानी आना और आँखें लाल रहना।

✅ सिर में दर्द और भारीपन रहना।

✅ उच्च तालु (Upper Palate) पर खुजली।

✅ सांस लेने में तकलीफ या सांस फूलना।

☘️  उपरोक्त लक्षण ज्यादातर ऋतु परिवर्तन के दौरान या स्थान परिवर्तन होने पर प्रकट होते हैं।

☘️ अगर आप इस स्थिति को नजरअंदाज करते है तो यह यह दमा और अंततः COPD जैसी बीमारियों में परिवर्तित हो सकती है।


☘️ इसके कारण -

👉 कमजोर पाचन अग्नि।

👉गलत भोजन के संयोजनों/मिश्रणो का उपयोग करना।

👉उचित आहार और जीवन शैली का पालन नहीं करना। 

👉अत्यधिक पानी का सेवन।

👉 देर रात तक जागना और दिन में सोना।

👉नम, अंधेरे और ठंडी जगह में रहना।

👉कुछ एलोपैथिक दवाओं का लंबे समय तक उपयोग करने से।

👉 कमजोर प्रतिरक्षा (Immunity) शक्ति।

👉 प्राकृतिक आग्रहों/वैंगो को रोकना।


☘️ इसका उपचार -

👉 उपचार की अन्य पद्धतियों में इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं है।

👉 आयुर्वेद इस रोग का प्रभावी और स्थायी समाधान प्रदान करता है।

👉 इसके पुराने मामलों में पंचकर्म (शरीर से विषाक्तपदार्थों को निकालने की प्रक्रिया) किया  जाता है।

👉 पाचन में सुधार और विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं दी जाती हैं।

👉 शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने विशेषतः श्वसन प्रणाली की प्रतिरक्षा में सुधार करने वाली दवाएं और चिकित्सा दी जाती है।

👉 दैनिक आयुर्वेदिक दिनचर्या, मौसमी दिनचर्या और सद्वृत्ता का पालन करना चाहिए।

👉  तिल के तेल से शरीर की मालिश करने के बाद गर्म पानी से स्नान करे।

👉 मुंह मै तिल तेल को १०-१५ मिनट घुमाएं फिर धुक दे ।


☘️ पालन करने योग्य चीजे -

✅ पचाने में हल्का, गर्म और ताजा भोजन करें।

✅ मसालेदार, ठंडा और मांसाहार का सेवन करने से बचे।

✅ अधिक मात्रा में खट्टा, नमकीन और मीठा भोजन करने से बचे।

✅ केला, आलू, टमाटर, दही, आइसक्रीम, केक, मदिरा, कोल्ड ड्रिंक से बचे।

✅अपने भोजन में मूंग दाल, जौ, कुल्थी, मूली, खट्टे फलों को शामिल करें।

✅ इसके कारणों में उल्लिखित बिंदुओं से बचें।

✅ नियमित योग करे।

✅ क्रोध, तनाव, ज्यादा बात करने और  ज्यादा सोचने से बचें।



☘️ घरेलू उपचार -

👉 सुबह काली मिर्च पाउडर, अदरक, हल्दी पाउडर और शहद का मिश्रण लेवे।

👉 हल्दी के धुएं को सुंघे/लेवे। (कढ़ाई/बर्तन/तवा (Pan) में हल्दी पाउडर को जलाएं और उसके धुएं को सुंघे/लेवे)।

👉 लौंग या काली मिर्च चबाए।

👉 दूध + हल्दी + सूखे अदरक का पाउडर + पिप्पली का सेवन करे।

ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए हमसे संपर्क करें -

For Further Details Contact us-

Khalsa Ayurvedic Center, Rampura Phul, District BTI, Punjab 151103

7009817200, 8427859200

www.harjasayurved.blogspot.com

#khalsaayurved

#harjasayurved

#drharjaspalsingh

#ayurveda

#trending

#khalsaayurvediccenter

#followforfollowback

#harjasayurved. blogspot.com



No comments:

Post a Comment